शांतनु नायडू एक युवा उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिन्हें रतन टाटा ने अपना असिस्टेंट और दोस्त बनाया है.

शांतनु की पढ़ाई कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (अमेरिका) से हुई है, जहाँ उन्होंने MBA की डिग्री प्राप्त की.

शांतनु ने एक स्टार्टअप 'Motopaws' की शुरुआत की, जो सड़कों पर घूमने वाले कुत्तों के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर बनाता है ताकि सड़क हादसों में कमी लाई जा सके.

उनकी इस सामाजिक पहल से रतन टाटा प्रभावित हुए और उन्होंने शांतनु को अपनी कंपनी में काम करने का मौका दिया.

रतन टाटा और शांतनु नायडू की मुलाकात उनकी सामाजिक उद्यमशीलता के जरिए हुई, और जल्द ही शांतनु उनके करीबी सहयोगी बन गए.

शांतनु ने रतन टाटा की निजी और व्यावसायिक गतिविधियों में उनकी सहायता की, जिससे उनकी मित्रता और भी प्रगाढ़ हो गई.

शांतनु ने रतन टाटा के मार्गदर्शन में कई नई पहल और प्रोजेक्ट्स पर काम किया, जो समाज के हित में हैं.

शांतनु नायडू ने एक किताब भी लिखी है जिसका नाम I Came Upon a Lighthouse है, जिसमें उन्होंने रतन टाटा के साथ अपने अनुभव साझा किए हैं.

रतन टाटा ने शांतनु की योग्यता, समाज सेवा के प्रति समर्पण और नेतृत्व क्षमता की सराहना की है और उन्हें कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं.

शांतनु नायडू को रतन टाटा के विश्वासपात्र माना जाता है, और वह टाटा समूह में युवा नेतृत्व के प्रतीक के रूप में उभरे हैं.