पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के बीच CNG थोड़ा सुकून देने वाली है। ये पेट्रोल की तुलना में सस्ती है और माइलेज भी ज्यादा देती है। यही वजह है कि कई लोग एक्टिवा में भी सीएनजी किट फिट करा लेते हैं। ऐसे में एक्टिवा का माइलेज 100 किलोमीटर का हो जाता है। सीएनजी की कीमत करीब 47-48 रुपए प्रति किलोग्राम है। यानी इतने रुपए के खर्च में स्कूटर 100 किलोमीटर तक दौड़ेगा।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि दोपहिया वाहन भी सीएनजी से चलते हैं? जी हां, आपने सही सुना, अब कई शहरों में सीएनजी स्कूटर भी चलने लगे हैं।
अब आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि अगर अब तक किसी भी कंपनी ने सीएनजी दोपहिया वाहन लॉन्च नहीं किए हैं तो ये बाजार में कैसे उपलब्ध हैं?
आपको बता दें कि स्कूटर में सीएनजी किट लगाकर उसे सीएनजी से चलाने में सक्षम बनाया जाता है। आप जानते हैं कि पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से ऊपर पहुंच गई है. जबकि एक्टिवा, ज्यूपिटर जैसे स्कूटरों का माइलेज 40-45 किलोमीटर के आसपास है। ऐसे में इन्हें चलाना काफी महंगा हो जाता है. इसलिए, कई कंपनियां अब स्कूटरों के लिए आसानी से फिट होने वाली सीएनजी किट बना रही हैं। आपको बता दें कि सीएनजी पर स्कूटर चलाने का खर्च मात्र 70 पैसे प्रति किलोमीटर है। आइए जानते हैं कि आप अपने स्कूटर में कैसे सीएनजी किट लगा सकते हैं।
स्कूटर में CNG किट लगवाएं
अगर आप अपने स्कूटर के कम माइलेज से परेशान हैं तो आप इसमें सीएनजी किट लगवा सकते हैं। इस सीएनजी किट को होंडा एक्टिवा, टीवीएस ज्यूपिटर, हीरो मेस्ट्रो, सुजुकी एक्सेस या किसी अन्य स्कूटर में आसानी से लगाया जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि ऐसी कई कंपनियां हैं जो दोपहिया वाहनों के लिए सीएनजी किट बना रही हैं। कंपनी का दावा है कि इस खर्च को आप 1 साल से भी कम समय में निकाल लेंगे, क्योंकि CNG और पेट्रोल की कीमत में अब करीब 40 रुपए तक का अंतर आ चुका है।
स्कूटर पेट्रोल और CNG दोनों से चलेगा
एक्टिवा में CNG किट इन्स्टॉल करने में करीब 4 घंटे का वक्त लगता है, लेकिन इसे पेट्रोल से भी दौड़ाया जा सकता है। इसके लिए कंपनी एक स्विच लगाती है जिससे से CNG मोड से पेट्रोल मोड पर आ जाती है। कंपनी इसमें आगे की तरफ दो सिलेंडर लगाती है जिसे ब्लैक प्लास्टिक से कवर कर दिया जाता है। वहीं, सीट के नीचे वाले हिस्से में इसे ऑपरेट करने वाली मशीन फिट हो जाती है। यानी एक्टिवा को CNG और पेट्रोल दोनों से दौड़ाया जा सकता है। एक्टिवा पर CNG से जुड़ी कुछ ग्राफिक्स भी लगा दी जाती हैं।
आपको बता दें कि एक स्कूटर में सीएनजी किट लगाने में करीब 4 घंटे का समय लगता है। लेकिन, खास बात यह है कि इसे पेट्रोल से भी चलाया जा सकता है। इसके लिए कंपनी एक स्विच लगाती है, जिसके जरिए आप अपने स्कूटर को सीएनजी मोड से पेट्रोल मोड में ला सकते हैं। कंपनी ने इस स्कूटर के फ्रंट में दो सिलेंडर लगाए हैं, जो इस तरह फिट होते हैं कि आपको पता ही नहीं चलेगा कि स्कूटर में सिलेंडर लगा है। आपको यह भी बता दें कि इसे ऑपरेट करने की मशीन भी सीट के निचले हिस्से में लगी हुई है। टैंक की कुल क्षमता 1.2 किलोग्राम सीएनजी है।
CNG किट के नुकसान
CNG किट लगाने के कुछ नुकसान भी है। पहला ये कि इस किट में जो सिलेंडर लगाया जाता है वो सिर्फ 1.2 किलोग्राम CNG को स्टोरेज करता है। ऐसे में जब 120 से 130 किलोमीटर के बाद आपको फिर से CNG की जरूरत होगी। वहीं, CNG स्टेशन आसानी से नहीं मिलते। हो सकता है कि आपकी लोकेशन से ये 10-15 या ज्यादा किलोमीटर की दूरी पर हो। CNG से भले ही स्कूटर का माइलेज बढ़ जाएगा, लेकिन इससे गाड़ी को पिकअप नहीं मिलता। ऐसे में चढ़ाई वाले रास्ते पर इससे गाड़ी के इंजन पर लोड पड़ेगा।
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