PM Modi और राहुल गांधी के ऊपर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा है। जिसको देखते हुए चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा है।
PM Modi और राहुल गांधी से चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में जवाब माँगा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी और धर्म, जाति, संप्रदाय और भाषा के नाम पर लोगों के बीच नफरत फैलाने और अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।
PM Modi और राहुल गांधी पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप
चुनाव आयोग ने इस मामले में जन प्रतिनिधि कानून की धारा 77 की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए स्टार प्रचारकों के आचरण के लिए पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार माना है। चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल को सुबह 11 बजे तक नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया है। आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को अपने उम्मीदवारों, स्टार प्रचारकों के आचरण की जिम्मेदारी लेनी होगी। खासकर शीर्ष पदों पर बैठे लोगों द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे भाषण और भी चिंताजनक है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
PM Modi के राजस्थान में दिए भाषण पर हुआ विवाद
दरअसल पीएम मोदी ने बीते दिनों राजस्थान में एक रैली के दौरान कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह लोगों की संपत्ति को घुसपैठियों और ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों में बांट देगी। प्रधानमंत्री ने इस दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एक पुराने बयान का जिक्र किया, जिसमें मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है। इस मामले में कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से अपील की थी कि पीएम मोदी का बयान विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण है और यह आचार संहिता का साफ उल्लंघन है।
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