1 जनवरी से साल ही नहीं बल्कि SIM कार्ड खरीदने के नियम भी बदलने जा रहे हैं। अगले साल से सिम खरीदने पर सिर्फ डिजिटल केवाईसी होगी। दरअसल, अब तक सिम खरीदने पर दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन करना पड़ता है, जो एक महंगी और समय लेने वाली प्रक्रिया है।
आपको बता दें कि ऑनलाइन फ्रॉड और स्कैम पर रोक लगाने के लिए सरकार कई तरह के कदम उठा रही है। अब 1 जनवरी से Sim खरीदने के लिए डिजिटल वेरिफिकेशन का प्रॉसेस शुरू होगा। डिजिटल वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को पूरे देश में लागू करने की जिम्मेदारी टेलीकॉम डिपार्टमेंट की होगी।
पेपर लेस होगा SIM लेना का प्रॉसेस
टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। नया नियम लागू होने के बाद पेपर बेस्ट वेरिफिकेशन को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। इससे टाइम की भी बचत होगी और खर्चे में भी कमी आएगी।
आपको बता दें कि सरकार ने नए सिम खरीदने और बेचने संबंधी नए नियमों को अगस्त में जारी किया था लेकिन इन्हें लागू करने में देरी होती रही है। अब 1 जनवरी से पूरे देश में सिर्फ डिजिटल केवाई से ही सिम खरीदे जा सकेंगे। इतना ही नहीं नए नियमों में SIM वेंडर्स का वेरिफिकेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही नए साल से बल्क में सिम खरीदने का भी नियम बदलेगा।
आपको बता दें कि सिम खरीदने और बेचने के नए नियमों के तहत अब टेलीकॉम फ्रेचाइजी, सिम डिस्ट्रीब्यूटर्स और पॉइंट ऑफ सेल एजेंट्स का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। अगर कोई डिलर नियमों की अनदेखी करता है तो उस पर 10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
सरकार ने इसको लेकर फैसला पहले ही कर लिया था। अगस्त में हुए फैसले को लागू करने में देरी होती रही। इस दौरान SIM कार्ड वेंडर्स की भी वेरिफिकेशन की जाएगी। दरअसल सरकार साइबर फ्रॉड से निपटने की तैयारी कर रही है और इसी कड़ी में ये फैसले लिए गए हैं। इससे पहले कोई भी किसी भी व्यक्ति के नाम पर Sim कार्ड ईशू करवा लेता था और उसे यूज करता रहता था।
अब डिस्ट्रीब्यूटर, स्टोर स्टाफ और पॉइंट-ऑफ-सेल तक की भी वेरिफिकेशन की जाएगी। इससे ये साफ हो जाएगा कि किसने SIM ईशू की है और कुछ गड़बड़ होने की स्थिति में उसी से जवाब मांगा जाएगा। यानी सरकार फ्रॉड के मामलों को काफी गंभीरता से ले रही है। इनसे निपटने के लिए लगातार नई रणनीति भी बनाई जा रही है। 1 जनवरी से लागू होने वाले इस फैसले को लेकर कई अन्य खबरें भी चल रही हैं, लेकिन नई SIM लेने में इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। बस आपको Sim कार्ड हासिल करने से पहले इन चीजों का ध्यान रखना होगा।
टेलिकॉम कंपनियों ने किया नए नियम का वेलकम
बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले का जियो, एयरटेल और वोडा-आइडिया ने स्वागत किया है। बता दें कि Sim कार्ड धोखाधड़ी के जरिए हजारों लोगों को लाखों रुपये की चपत लगती है। टेलिकॉम कंपनियां भी इस मामले बीच-बीच में उठाती रही हैं।
DoT की नोटिफिकेशन में सभी यूएएस और यूएल लाइसेंस धारकों को कागज-आधारित केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) प्रक्रिया का उपयोग बंद करने के लिए कहा गया है। इसका मतलब यह होगा कि देश के कई हिस्सों में अपनाए जाने वाले फिजिकल वेरिफिकेशन को खत्म कर दिया जाएगा। Sim कार्ड की भौतिक सत्यापन प्रक्रिया के लिए 9 अगस्त 2012 के निर्देश 1 जनवरी 2024 से समाप्त हो जाएंगे।
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