Supreme Court ने आज एक बड़ा फैसला लिया है। जिसमें कहा गया कि ईडी समन जारी करेगी तो जाना अनिवार्य है। दरअसल कई दिनों से ये सवाल उठ रहे थे कि क्या ईडी के समन की कोई अनदेखी कर सकता है? क्योकि कई नेता बार बार बुलाने पर भी नहीं जाते है।
Supreme Court ने पीएमएलए यानी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून को लेकर जो टिप्पणी की है, वह अरविंद केजरीवाल समेत और कई लोगों की मुसीबत बढ़ा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अगर कोई जांच बैठती है और ईडी किसी को समन जारी करती है तो फिर उस समन का सम्मान और जवाब देना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएल कानून की धारा 50 की व्याख्या करते हुए ये बात की।
Supreme Court ने क्या दिया आदेश
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि ईडी अगर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में किसी को बुलाती है तो उसको हाजिर होना ही होगा और पीएमएलए के तहत अगर जरूरी हुआ तो सबूत भी पेश करना होगा। दरअसल पीएमएलए के सेक्शन 50 के मुताबिक ईडी अधिकारियों के पास ये ताकत है कि वे किसी भी ऐसे शख्स को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकते हैं जिनको वे उस जांच के सिलसिले में जरूरी समझते हैं।
केजरीवाल की बढ़ी मुसीबत!
Supreme Court की टिप्पणी दिल्ली शराब नीति मामले के लिहाज से काफी अहम है। दिल्ली शराब नीति मामले में आधा दर्जन से भी अधिक बार समन जारी होने के बावजूद अऱविंद केजरीवाल पेश नहीं हुए हैं। ऐसे में कोर्ट की यह टिप्पणी केजरीवाल की मुसीबतें बढ़ा सकती है। ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में शिकायत की है कि बार-बार समन देने के बावजूद भी वे हाजिर नहीं हो रहे।
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