PMO ने संबंधित मंत्रालयों और अधिकारियों से जनवरी तक टेस्ला से जुड़े निवेशों को सभी मंजूरी देने को कहा है। उससे पहले ईवी आयात नीति में भी बदलाव किया जा सकता है।
Tesla In India : पहले Apple और अब टेस्ला, चीन को लगातार एक और झटका लग सकता है। वर्तमान समय में चीन में अमेरिकी कंपनियों का प्रभाव था। चीन की अर्थव्यवस्था और रोजगार दोनों की गति इन कंपनियों पर निर्भर थी।
अमेरिका के साथ चीन के रिश्ते और फिर चीन की कोविड नीति ने Apple को सबसे पहले अलग होकर भारत आने पर मजबूर किया। अब टेस्ला भी भारत आ सकती है. सरकारी विभाग जनवरी 2024 तक सभी जरूरी मंजूरी देने की तैयारी में है।
Top अधिकारियों के साथ बैठक
ईटी के सूत्रों ने कहा कि पीएमओ ने Tesla के निवेश प्रस्ताव सहित देश में ईवी विनिर्माण के विभिन्न चरणों की समीक्षा के लिए सोमवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक का एजेंडा नीतिगत मामलों पर केंद्रित होना था लेकिन जनवरी 2024 तक देश में टेल्सा के प्रस्तावित निवेश को तेजी से मंजूरी देने को कहा गया है।
Tesla – EV नीति परिवर्तन के अधीन है।
Tesla को भारत में लाने के लिए सरकार अपनी ईवी नीति में बदलाव कर सकती है और ऐसा माना जा सकता है। उसके लिए इस नीति में एक नई श्रेणी की भी घोषणा की जा सकती है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि इस नई श्रेणी की शुरुआत का मतलब यह नहीं है कि यह केवल Tesla के लिए किया जा रहा है। दुनिया के कई ईवी निर्माता जो भारत में विनिर्माण स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें इस सुविधा का लाभ मिलेगा।
Tesla In India : चीन को लग सकता है झटका!
उधर, चीन में Tesla की बिक्री लगातार घट रही है। कई बार कीमतें कम करने के बाद भी इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है. यहां तक कि चीन की BYD को भी काफी फायदा हुआ है।
यही कारण है कि टेल्सा भारत को अपना अगला बाजार बनाना चाहती है। साथ ही वह यहां मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाकर एशिया और साउथ एशिया मार्केट को टारगेट करना चाहती है। वहीं, अगर Tesla चीन से बाहर निकलती है तो उसे बड़ा झटका लग सकता है।
पिछले साल टेस्ला और सरकार के बीच नहीं बनी थी बात
- पिछले साल टेस्ला ने भारत आने की इच्छा जताई थी, लेकिन तब कंपनी और सरकार के बीच बात नहीं बन पाई थी। टेस्ला ने सरकार से पूरी तरह से असेंबल गाड़ियों पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को 100% से घटाकर 40% करने की मांग की थी।
- कंपनी चाहती थी कि उसकी गाड़ियों को लग्जरी नहीं बल्कि इलेक्ट्रिक व्हीकल माना जाए, लेकिन सरकार ने कहा था कि दूसरे देशों से इंपोर्ट किए जाने वाले किसी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर इंपोर्ट ड्यूटी माफ या कम करने का कोई भी इरादा नहीं है।
- सरकार ने कहा था कि अगर टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का कमिटमेंट करती है तो इंपोर्ट पर छूट देने पर विचार किया जाएगा। हालांकि, मस्क चाहते थे कि पहले भारत में कारों की बिक्री की जाए, इसके बाद प्लांट लगाने का विचार किया जाएगा।
- 27 मई 2022 को भी एक ट्वीट में रिप्लाई करते हुए एलन मस्क ने कहा था, ‘टेस्ला ऐसे किसी लोकेशन पर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी जहां उसे पहले से कारों को बेचने और सर्विस की परमिशन नहीं है।’
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