Supreme Court ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में अपना फैसला सुना दिया है। जिसमें उन्होंने जांच के लिए कोई एसआईटी या विशेषज्ञों का समूह बनाने से इनकार कर दिया।
Supreme Court ने बहुत समय से चल रहे अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर आज अपना फैसला सुना दिया है। शीर्ष कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए कोई एसआईटी या विशेषज्ञों का समूह बनाने से साफ इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सेबी को कानून के अनुसार अपनी जांच को एक निष्कर्ष तक ले जाना चाहिए। इस मामले में जांच सेबी से हटाने की जरूरत नहीं है।
Supreme Court ने फैसले में क्या कहा
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) और हिंडनबर्ग रिसर्च जैसे तीसरे पक्ष के संगठनों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को “निर्णायक सबूत” नहीं माना जा सकता। बता दें कि इससे पहले 24 नवंबर को इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मार्केट रेग्यूलेटर सेबी की जांच और एक्सपर्ट्स कमेटी पर उठाए जा रहे सवालों को नकारते हुए अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
फैसले के बाद अडानी ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अडानी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडानी ने ट्वीट किया, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अडानी के शेयरों के दाम आसमान छू रहे है।
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