Tirupati Controversy: चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने घी सप्लायर बदल दिया है। उन्होंने बताया कि अब कर्नाटक से नंदिनी ब्रांड घी खरीदना शुरू कर दिया है।
तिरुपति लड्डा मामले में जमकर सियासत हो रही है। अब इस मामले में एक कदम आगे बढ़ते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लिए बनने वाले लड्डुओं के लिए घी आपूर्तिकर्ता को बदल दिया है।
चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने घी सप्लायर बदल दिया है। उन्होंने बताया कि अब कर्नाटक से नंदिनी ब्रांड घी खरीदना शुरू कर दिया है।
उन्होंने जगन मोहन रेड्डी पर प्रहार करते हुए कहा कि जब मार्केट में घी का रेट 500 रुपये किलो था तो पिछली सरकार ने खराब क्वालिटी का घी 320 रुपये किलो खरीदा। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने मिलावटी घी खरीदा क्योंकि वह सस्ता था।
तिरुमाला Tirupati देवस्थानम ने क्या कहा?
इस विवाद पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने कहा कि मंदिर निकाय को घी आपूर्ति करने वालों ने आंतरिक मिलावट जांच सुविधा की कमी का फायदा उठाया और बाहरी सुविधाओं का भी उपयोग नहीं किया।
TTD के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामल राव ने बताया कि प्रयोगशाला परीक्षणों में चयनित नमूनों में पशु चर्बी और लार्ड (सूअर की चर्बी) की मौजूदगी का पता चला है।
TTD के कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि घी की गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा, “गुणवत्ता की कमी का कारण आंतरिक प्रयोगशाला का न होना, नमूनों को परीक्षण के लिए बाहर की प्रयोगशालाओं में भेजना और अव्यवहारिक दरें हैं।”
Tirupati Laddu News : पवन कल्याण बोले-पशु चर्बी मिलने की बात से ‘व्यथित’ हूं
आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने कहा कि वह Tirupati मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी पाए जाने की बात से ‘बहुत व्यथित’ हैं और उनका सुझाव है कि मंदिरों से संबंधित मुद्दों पर विचार करने के लिए एक ‘सनातन’ राष्ट्रीय बोर्ड गठित किया जाए। कल्याण ने X पर पोस्ट किया,
“Tirupati बालाजी के प्रसाद में पशु चर्बी मिलाए जाने की बात से हम सभी बहुत व्यथित हैं। YSRCP सरकार द्वारा गठित टीटीडी बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे।”
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Tirupati के Laddu क्यों प्रसिद्ध हैं?
आंध्र प्रदेश के Tirupati में भगवान वेंकटेश्वर के पवित्र मंदिर में प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम अपने अनोखे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। ये प्रतिष्ठित लड्डू मंदिर की रसोई में प्रतिदिन तैयार किए जाते हैं, जिसे पोटू के नाम से जाना जाता है।
Tirupati में एक Laddu की कीमत कितनी है?
इन पोस्ट के अनुसार, Laddu की कीमत 50 रुपये से घटाकर 25 रुपये कर दी गई है, और विशेष दर्शन की कीमत 300 रुपये से घटाकर 200 रुपये कर दी गई है। इन रिपोर्टों पर विश्वास करते हुए कई भक्तों ने तेलुगु देशम के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन सरकार के तहत काम करने वाले टीटीडी के प्रति आभार व्यक्त किया।
Tirupati के Laddu में क्या-क्या होता है?
फिलहाल इसमें बेसन, काजू, इलायची, घी, चीनी, मिश्री और किशमिश शामिल हैं। प्रतिदिन लगभग 10 टन बेसन, 10 टन चीनी, 700 किलो काजू, 150 किलो इलायची, 300 से 500 लीटर घी, 500 किलो मिश्री और 540 किलो किशमिश का इस्तेमाल लड्डू बनाने में होता है।
Tirupati Laddu का परीक्षण कौन सी प्रयोगशाला करती है?
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेता नायडू ने कहा कि इन दावों की पुष्टि गुजरात की एनडीडीबी कैल्फ लैब की एक प्रयोगशाला रिपोर्ट से होती है, जिसमें कथित तौर पर लड्डू के लिए इस्तेमाल किए गए घी के नमूनों में लार्ड, बीफ टैलो और मछली के तेल की मौजूदगी की पुष्टि की गई है।
Tirupati Laddu का जीवनकाल कितना है?
Tirupati Laddu बनाने के लिए ज़रूरी सामग्री में आटा, तेल, चीनी, घी, सूखे मेवे और इलायची शामिल हैं। अगर इसे सही तरीके से स्टोर किया जाए, तो इसकी शेल्फ लाइफ 15 दिनों तक बढ़ सकती है।
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