Ganesh Chaturthi: महाराष्ट्र में गणेश उत्सव की शुरुआत 1892 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने की थी। उस समय देश में स्वतंत्रता संग्राम चल रहा था। ऐसे में लोगों में एकता और देशभक्ति की भावना जागृत करने के उद्देश्य से इस त्योहार को सार्वजनिक रूप से मनाने की प्रथा शुरू की गई।
Ganesh Chaturthi 2023: हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह की शुक्ल चतुर्थी को देशभर में Ganesh Chaturthi का त्योहार शुरू होता है। यह त्यौहार मुख्यतः 10 दिनों तक चलता है। इस बीच भक्त बप्पा को अपने घर लाते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा को विदाई देते हैं। आइए जानते हैं साल 2023 में कब मनाया जाएगा गणेश चतुर्थी का त्योहार, शुभ मुहूर्त और स्थापना समारोह।
सनातन धर्म में 10 दिवसीय गणेश उत्सव का विशेष महत्व है। बता दें कि गणेश उत्सव की शुरुआत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है. गणेश चतुर्थी के दिन, भक्तों द्वारा ढोल-नगाड़ों और विधि-विधान से पूजा-अर्चना के साथ बप्पा को घर लाया जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, Ganesh Chaturthi का त्योहार भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में हुआ था। 10 दिनों तक गणेश उत्सव धूमधाम से मनाने के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा को विदाई दी जाती है। आइए जानते हैं साल 2023 में गणेश चतुर्थी का त्योहार कब मनाया जाएगा, तिथि और शुभ समारोह?
Ganesh Chaturthi 2023 तिथि कब है? (When is Ganesh Chaturthi 2023 date?)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद माह की शुक्ल चतुर्थी 18 सितंबर को दोपहर 02:09 बजे शुरू होगी और 19 सितंबर को दोपहर 03:13 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार 19 सितंबर 2023 मंगलवार से गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा. गणेश उत्सव 10 दिनों तक चलता है.
Ganesh Chaturthi का पूजा मुहूर्त (Worship time of Ganesh Chaturthi)
पंचांग में बताया गया है कि Ganesh Chaturthi पर दोपहर की पूजा का समय सुबह 11 बजे से 01:26 बजे तक रहेगा। इस खास दिन रवि योग बन रहा है, जो सुबह 06:08 बजे से दोपहर 03:18 बजे तक रहेगा. इसके साथ ही इस दिन स्वाति नक्षत्र बन रहा है जो दोपहर 3 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
गणेश महोत्सव पूजा अनुष्ठान (Ganesh Festival Puja Rituals)
- Ganesh Chaturthi के दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान करें, पूजा स्थल को साफ करें। ध्यान करें।
- फिर शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं। मंत्रोच्चार के साथ भगवान गणेश की स्थापना करें। इसके बाद भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें।
- इसके बाद भगवान गणेश को हल्दी, चंदन, सिन्दूर, कुमकुम, दूर्वा, फल, फूल और मालाएं चढ़ाएं।
- भगवान गणेश को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं और अंत में आरती के साथ पूजा समाप्त करें।
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