Gyanvapi Case में बुधवार को एक बड़ा फैसला आया है। हिंदू पक्ष को तहखाने में पूजा का अधिकार मिल गया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों से पूजा कराई जाए बैरिकेडिंग हटाने की व्यवस्था की जाए।
Gyanvapi Case को लेकर याचिका दायर की गई जिसमें सोमनाथ व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक ने तहखाने में पूजा पाठ की इजाजत मांगी थी। 17 जनवरी को व्यास जी के तहखाने को जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश से अपने नियंत्रण में ले लिया था। एएसआई सर्वे कार्रवाई के दौरान तहखाने की साफ-सफाई हुई थी।
Gyanvapi Case को लेकर हिन्दू पक्ष में बड़ा फैसला
Gyanvapi Case में बुधवार को बड़ा फैसला आया। हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाना में पूजा का अधिकार मिल गया। वाराणसी कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मंगलवार को हिन्दू और मुस्लिम दोनों पक्ष की तरफ से बहस पूरी कर ली गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद में एक तहखाना है, जिसमें एक देवता के विग्रह की पूजा का काम सोमनाथ व्यास किया करते थे।
कोर्ट ने आदेश में क्या कहा?
वाराणसी की जिला अदालत के जज ने कहा है कि जो व्यास जी का तहखाना है, अब उसके कस्टोडियन वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट हो गए हैं, इसीलिए विश्वनाथ मंदिर के जो पुजारी हैं वह उस तहखाना के साफ-सफाई करवाएंगे। वहां जो बैरिकेडिंग लगी हुई है, उस बैरिकेडिंग को हटाएंगे और फिर वाराणसी मंदिर के पुजारी ब्यास तहखाने के अंदर नियमित रूप से पूजा करेंगे। वाराणसी कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है कि वह पूजा का अधिकार सोमनाथ व्यास के परिवार को देते हैं।
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