जश्न का हिस्सा बनने के लिए खान-पान और विशेष रूप से wine का सेवन हर साल रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि नए साल के मौके पर दुनिया भर में wine की खपत कितनी बढ़ जाती है और इसके पीछे क्या कारण हैं।
नया साल दुनिया भर में एक बड़े जश्न का समय होता है। इस मौके पर लोगों का उत्साह चरम पर होता है और पार्टी का माहौल हर जगह छाया रहता है।
नए साल पर wine की बढ़ती डिमांड
नए साल की शुरुआत के मौके पर दुनिया भर में पार्टियों और उत्सवों का आयोजन होता है। इन पार्टियों में wine एक प्रमुख पेय के रूप में शामिल होती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- पार्टी कल्चर का प्रभाव: न्यू ईयर ईव पार्टी करना एक परंपरा बन चुकी है।
- जश्न का तरीका: लोग शराब को जश्न का प्रतीक मानते हैं।
- सोशल ट्रेंड: सोशल मीडिया और आधुनिक जीवनशैली ने इसे एक अनिवार्य हिस्सा बना दिया है।
भारत सहित दुनिया के कई देशों में शराब की बिक्री नए साल के मौके पर सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना बढ़ जाती है।
दुनिया के wine पीने वाले देशों की सूची
Statista.com के आंकड़ों के अनुसार, wine की खपत के मामले में कुछ देशों का रिकॉर्ड बाकी दुनिया से काफी ऊपर है:
- रोमानिया: 16.91 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष।
- जॉर्जिया: 14.48 लीटर।
- Czechia: 13.3 लीटर।
- लातविया: 12.95 लीटर।
- जर्मनी: 12.20 लीटर।
- सेशेल्स: 12.13 लीटर।
- ऑस्ट्रिया: 12.02 लीटर।
ये आंकड़े दिखाते हैं कि यूरोपीय देशों में शराब की खपत का स्तर काफी ऊंचा है।
भारत और wine का नया साल
भारत में भी नया साल मनाने का तरीका बदल चुका है। अब भारत के बड़े शहरों में बार, पब, और क्लब्स हाउसफुल रहते हैं।
दिल्ली-एनसीआर और शराब बिक्री
- ग्रेटर नोएडा में नए साल के मौके पर 14 करोड़ रुपये की शराब बिकने की रिपोर्ट सामने आई।
- उत्तराखंड में भी 14 करोड़ रुपये से अधिक की wine की बिक्री दर्ज की गई।
भारत में प्रति व्यक्ति wine की खपत
Statista.com के अनुसार, भारत में प्रति व्यक्ति औसत शराब खपत 4.96 लीटर प्रति वर्ष है। यह संख्या पश्चिमी देशों की तुलना में कम है, लेकिन बढ़ती जीवनशैली और पार्टी कल्चर इसे तेजी से बढ़ा रहे हैं।
नए साल पर दुनियाभर में wine की बिक्री का अनुमान
दुनिया भर में शराब की खपत को लेकर कोई निश्चित आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि नए साल के मौके पर वैश्विक स्तर पर हजारों करोड़ रुपये की शराब की बिक्री होती है।
wine के पीछे मुख्य कारण
- सामाजिक दबाव: कई बार लोग सामाजिक दबाव में शराब का सेवन करते हैं।
- सस्ता मनोरंजन: शराब को अक्सर जश्न के लिए एक आसान और सस्ता विकल्प माना जाता है।
- विशेष ऑफर और डिस्काउंट्स: त्योहारों और खास मौकों पर शराब कंपनियां भारी डिस्काउंट देती हैं, जिससे बिक्री और खपत बढ़ती है।
शराब खपत के साथ आने वाली चुनौतियां
हालांकि शराब की खपत नए साल के मौके पर एक आम बात हो गई है, लेकिन इसके साथ कई चुनौतियां भी जुड़ी हैं:
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: अत्यधिक शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- सामाजिक समस्याएं: शराब के कारण दुर्घटनाएं और अन्य सामाजिक समस्याएं बढ़ती हैं।
- आर्थिक बोझ: शराब पर खर्च किए गए पैसे का सीधा असर परिवार और व्यक्तिगत बचत पर पड़ता है।
भारत में wine पर सरकारी नियंत्रण
भारत में शराब की बिक्री और खपत राज्य सरकारों के नियंत्रण में है।
- राजस्व का बड़ा स्रोत: शराब से होने वाली बिक्री सरकार के लिए बड़ा राजस्व प्रदान करती है।
- नियमित निगरानी: त्योहारों और खास मौकों पर शराब की बिक्री पर निगरानी रखी जाती है।
हालांकि, नए साल जैसे मौकों पर अक्सर बिक्री नियंत्रण से बाहर हो जाती है।
क्या wine ही है जश्न का एकमात्र तरीका?
जश्न मनाने के और भी कई स्वस्थ और रचनात्मक तरीके हो सकते हैं, जैसे:
- परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना।
- वाद्ययंत्र बजाना या गाने गाना।
- डिनर पार्टी या थीम बेस्ड पार्टी का आयोजन।
- यात्रा या किसी एडवेंचर में शामिल होना।
निष्कर्ष
नए साल का जश्न मनाने के लिए wine को प्रमुख भूमिका दी जाती है। दुनियाभर में इसके रिकॉर्ड तोड़ बिक्री आंकड़े यह दिखाते हैं कि लोग इसे उत्सव का जरूरी हिस्सा मानते हैं। हालांकि, हमें यह समझना चाहिए कि उत्सव का असली अर्थ परिवार, दोस्तों और अपनों के साथ समय बिताने में है।
शराब की खपत पर नियंत्रण और अन्य रचनात्मक विकल्पों को अपनाना समाज और स्वास्थ्य दोनों के लिए बेहतर हो सकता है। नया साल एक नई शुरुआत का समय होता है। क्यों न इस बार इसे स्वस्थ और सकारात्मक तरीके से मनाया जाए?
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