US पिछले एक दशक में, अनिवासी भारतीयों (NRIs) की पसंद में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। जहां पहले अमेरिका (US) अनिवासी भारतीयों का सबसे पसंदीदा देश हुआ करता था, अब एक नया देश तेजी से उनकी पहली पसंद बनता जा रहा है। इस बदलाव के पीछे कई कारण और प्रवृत्तियां छिपी हुई हैं। आइए, इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझते हैं कि यह बदलाव क्यों और कैसे हुआ।
पिछले 10 वर्षों में भारतीयों की विदेश में बसने की प्रवृत्ति
भारत दुनिया का ऐसा देश है, जहां से हर साल लाखों लोग बेहतर अवसरों की तलाश में विदेश जाते हैं। ये लोग या तो उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं, नौकरियों के लिए प्रवास करते हैं, या फिर व्यवसाय शुरू करने के लिए। पिछले 10 वर्षों में इस प्रवृत्ति में उल्लेखनीय बदलाव आया है। पहले जहां US भारतीयों की पहली पसंद था, वहीं अब कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और खाड़ी देश जैसे UAE भारतीयों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।
पहले क्यों था US पहली पसंद?
1. बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर:
- US में विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय और अनुसंधान सुविधाएं मौजूद हैं।
- सिलिकॉन वैली जैसी जगहें भारतीय आईटी और टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स के लिए स्वर्ग समान थीं।
2. उच्च जीवन स्तर:
- US में जीवन स्तर और बुनियादी सुविधाएं भारतीयों को आकर्षित करती थीं।
3. बड़ी भारतीय समुदाय:
- US में पहले से बसे भारतीयों की बड़ी संख्या नए प्रवासियों के लिए सहायक साबित होती थी।
अब कौन सा देश बन रहा है पसंदीदा और क्यों?
पिछले कुछ वर्षों में, कनाडा तेजी से अनिवासी भारतीयों की पहली पसंद बन गया है। इसके पीछे कई कारण हैं:
1. आसान इमिग्रेशन नीतियां:
- कनाडा की इमिग्रेशन नीतियां US की तुलना में कहीं ज्यादा सरल और अनुकूल हैं।
- एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम और PNP (प्रांतीय नामांकन कार्यक्रम) जैसे विकल्प भारतीयों को आकर्षित कर रहे हैं।
2. बेहतर शिक्षा प्रणाली:
- कनाडा में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता US के मुकाबले समान है, लेकिन यहां की फीस और जीवन यापन का खर्च अपेक्षाकृत कम है।
3. काम के अवसर:
- IT, हेल्थकेयर, और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं।
4. सुरक्षा और स्थिरता:
- कनाडा दुनिया के सबसे सुरक्षित और स्थिर देशों में से एक है।
5. भारतीय समुदाय का विस्तार:
- कनाडा में भारतीयों की बड़ी संख्या और उनके द्वारा बनाए गए सांस्कृतिक संगठनों ने इसे भारतीयों के लिए एक अनुकूल देश बना दिया है।
अन्य देश जो भारतीयों को आकर्षित कर रहे हैं
1. ऑस्ट्रेलिया:
- बेहतर जीवन स्तर, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आरामदायक जीवन यापन के कारण ऑस्ट्रेलिया भी भारतीयों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है।
2. यूनाइटेड अरब एमिरेट्स (UAE):
- UAE, खासकर दुबई और अबू धाबी, भारतीयों के लिए एक प्रमुख व्यापार और नौकरी केंद्र है।
3. जर्मनी और यूरोप के अन्य देश:
- जर्मनी में मुफ्त या कम लागत वाली उच्च शिक्षा और यूरोप में रोजगार के बढ़ते अवसरों ने इसे भारतीयों के लिए आकर्षक बना दिया है।
क्यों बदली भारतीयों की प्राथमिकता?
1. अमेरिकी वीज़ा नीतियों का सख्त होना:
- H1B वीज़ा जैसे विकल्पों पर सख्त नियमों ने US की लोकप्रियता को कम कर दिया है।
2. US में बढ़ते नस्लीय भेदभाव के मामले:
- पिछले कुछ वर्षों में नस्लीय घटनाओं की बढ़ती संख्या ने कई भारतीयों को US से दूर कर दिया है।
3. अन्य देशों में बेहतर अवसर:
- कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने अपनी नीतियों को भारतीयों के लिए अधिक अनुकूल बनाया है।
आने वाले वर्षों में संभावित बदलाव
अनिवासी भारतीयों की प्राथमिकताओं में बदलाव की यह प्रवृत्ति आने वाले वर्षों में भी जारी रह सकती है। कुछ संभावित ट्रेंड इस प्रकार हैं:
- यूरोप का बढ़ता आकर्षण:
- ब्रेक्सिट के बाद यूरोप के अन्य देशों में भारतीयों के लिए अवसर बढ़ सकते हैं।
- एशियाई देशों का उदय:
- सिंगापुर, मलेशिया और जापान जैसे देश भारतीयों को आकर्षित कर सकते हैं।
- खाड़ी देशों में स्थायित्व:
- UAE और सऊदी अरब जैसे देशों में लंबे समय तक काम करने के अवसर बढ़ सकते हैं।
निष्कर्ष
पिछले 10 वर्षों में, अनिवासी भारतीयों की पसंद में बड़ा बदलाव आया है। US की जगह अब कनाडा भारतीयों का पसंदीदा देश बन रहा है। इसकी वजह आसान इमिग्रेशन नीतियां, बेहतर रोजगार के अवसर और सुरक्षित वातावरण हैं।
यह बदलाव यह दर्शाता है कि भारतीय अब केवल परंपरागत विकल्पों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे उन देशों की तलाश कर रहे हैं जो उनकी जरूरतों और आकांक्षाओं के अनुकूल हों। आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन से अन्य देश भारतीय प्रवासियों को अपनी ओर आकर्षित करेंगे।
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