Donald Trump के विस्तारवादी एजेंडे ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। उनकी नई विशलिस्ट में ग्रीनलैंड, पनामा और कनाडा जैसे देश शामिल हैं। यह कोई पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने ग्रीनलैंड जैसे रणनीतिक स्थान पर नज़र डाली हो। उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने ग्रीनलैंड पर कब्जे की इच्छा व्यक्त की थी।
Donald Trump ग्रीनलैंड: भू-राजनीतिक महत्व का केंद्र
ग्रीनलैंड उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह उत्तरी अमेरिका का हिस्सा होते हुए भी यूरोप से जुड़ा हुआ है। Donald Trump का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ग्रीनलैंड का महत्व बढ़ जाता है। हालांकि, इसके पीछे असली कारण इसकी प्राकृतिक संपदा और रणनीतिक स्थिति हो सकती है।
1953 तक ग्रीनलैंड डेनमार्क का उपनिवेश था। हालांकि, 2009 से यह एक सेमी-स्वायत्त क्षेत्र है। ग्रीनलैंड की सरकार घरेलू मामलों पर नियंत्रण रखती है, लेकिन रक्षा और विदेश नीति पर डेनमार्क का अधिकार है।
पनामा नहर: चीन को रोकने की रणनीति
पनामा नहर, जो अटलांटिक और प्रशांत महासागर को जोड़ती है, एक आर्थिक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है। यह नहर रोज़ाना लगभग 14,000 जहाजों की आवाजाही सुनिश्चित करती है। पनामा सरकार को इससे सालाना लगभग एक अरब डॉलर की कमाई होती है।
ट्रंप का मानना है कि पनामा नहर पर अमेरिकी नियंत्रण होना चाहिए। उनका कहना है कि नहर पर अधिक फीस वसूली को रोका जाना चाहिए। इसके पीछे एक बड़ा कारण चीन भी है। नहर के जरिए चीन का वैश्विक व्यापार काफी बढ़ा है, और ट्रंप इसे अमेरिका के लिए खतरा मानते हैं।
कनाडा: 51वें राज्य का सपना?
Donald Trump ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की बात कही है। उनकी मुख्य आपत्ति कनाडा से अवैध प्रवासियों के अमेरिका में प्रवेश को लेकर है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर दबाव डालते हुए ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि अगर अवैध प्रवासियों पर लगाम नहीं लगाई गई, तो कनाडाई उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा।
क्या है ट्रंप की रणनीति?
Donald Trump अपने व्यावसायिक दृष्टिकोण और विस्तारवादी सोच के लिए जाने जाते हैं। चाहे ग्रीनलैंड का सामरिक महत्व हो, पनामा नहर की आर्थिक संभावनाएं, या कनाडा को लेकर उनकी बयानबाजी, इन सभी का उद्देश्य अमेरिका की शक्ति और संसाधनों को बढ़ाना है।
डोनाल्ड ट्रंप की विस्तारवादी विशलिस्ट में नया नाम ग्रीनलैंड का है. लेकिन कनाडा-कनाडा जपते-जपते वह पनामा और ग्रीनलैंड तक कैसे पहुंच गए |
वैसे तो ग्रीनलैंड पर अमेरिकी प्रभुत्व की ट्रंप की इच्छा कोई नई नहीं है. वह राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में भी ग्रीनलैंड पर कब्जे की बात करते रहे हैं.
कैपिटलिस्ट Donald Trump चीन की तरह ही विस्तारवादी नीतियों पर अमल करने का मन बना चुके हैं. कनाडा को अमेरिका में शामिल कर उसे 51वां स्टेट बनाने के सपने देख रहे
ट्रंप अब पनामा और ग्रीनलैंड तक को अमेरिकी जद में लाने की बातें कर रहे हैं. ट्रंप की बयानबाजियों ने लगभग-लगभग स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने अमेरिका के विस्तार का एजेंडा तैयार कर लिया है और इसी एजेंडे को वह अमलीजामा पहनाएंगे.
ट्रंप की इसी विस्तारवादी विशलिस्ट में नया नाम ग्रीनलैंड का है. लेकिन कनाडा-कनाडा जपते-जपते वह पनामा और ग्रीनलैंड तक कैसे पहुंच गए?
वैसे तो ग्रीनलैंड पर अमेरिकी प्रभुत्व की Donald Trump की इच्छा कोई नई नहीं है. वह राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में भी ग्रीनलैंड पर कब्जे की बात करते रहे हैं.
2019 में उन्होंने बकायदा ग्रीनलैंड को खरीदने की मंशा भी जाहिर की थी तो ग्रीनलैंड की सरकार भड़क गई थी, जिसके बाद उन्होंने ग्रीनलैंड का पहले से निर्धारित अपना दौरा रद्द कर दिया था.
निष्कर्ष
Donald Trump का यह विस्तारवादी एजेंडा केवल राजनीतिक बयानबाजी है या इसके पीछे असली रणनीति है, यह देखने वाली बात होगी। ग्रीनलैंड, पनामा, और कनाडा जैसे स्थानों पर उनकी रुचि यह बताती है कि उनका फोकस केवल वर्तमान नहीं, बल्कि भविष्य की भू-राजनीतिक संभावनाओं पर है।
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