Heat wave के चलते हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है। इस साल भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। जिन लोगों को दिल से जुडी हुई समस्या है उनकी सेहत पर ज्यादा असर हुआ। कई डॉक्टरों ने इसपर चिंता भी जताई है।

Heat wave दिल के मरीजों के लिए खतरा बनता जा रहा है। जिससे हृदय रोगों से मौत के मामलों में इजाफा हो रहा है। तापमान में हर 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से हृदय रोगों से मौत का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन बताते हैं कि 2000 से 2019 के बीच हर साल लगभग 4,89,000 मौतें हीट वेव्स के कारण हुईं, जिनमें से 45 प्रतिशत मौतें एशिया में हुईं।
Heat wave से बढ़ रहा मौत का आंकड़ा
भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस साल मई में हृदय रोगों से 605 मौतें दर्ज की गईं। मई में Heat wave के कारण कम से कम 80 मौतें हुईं, जिनमें से कुछ संदिग्ध और कुछ पुष्टि की गईं। मार्च से मई के बीच हीट स्ट्रोक से 56 मौतें हुईं, जिनमें से 46 मौतें मई में ही हुईं। इसका कारण बताते हुए डॉक्टर ने बताया कि जब शरीर खुद को ठंडा करने के लिए संघर्ष करता है, तो दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है।

क्या- क्या होती है समस्याएं
इस तनाव से चक्कर आना और मिचली जैसी समस्याएं हो सकती हैं, और गंभीर जटिलताएं जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, और यहां तक कि अचानक मौत भी हो सकती है। डॉक्टर ने ये भी बताया कि ये हीट-सम्बंधित हृदय रोगों के जोखिम विशेष रूप से कमजोर समुदायों पर अधिक पड़ते हैं। बुजुर्ग लोग, पहले से हृदय रोग वाले लोग, और निम्न-आय वाले लोग अधिक जोखिम में होते हैं।
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