India बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: एक ऐतिहासिक उपलब्धि
India ने एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार कर लिया है। नीति आयोग के CEO बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम ने घोषणा की है कि India ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान प्राप्त कर लिया है। यह उपलब्धि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के नवीनतम आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें India की अर्थव्यवस्था को $4 ट्रिलियन (लगभग ₹332 लाख करोड़) के मूल्यांकन के साथ दर्शाया गया है।
India की आर्थिक प्रगति: आंकड़ों में
वर्तमान रैंकिंग: चौथा स्थान
GDP (2025): $4.19 ट्रिलियन (IMF के अनुसार)
पूर्ववर्ती रैंकिंग (2024): पांचवां स्थान
शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाएं: संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जर्मनी
IMF का अनुमान: India 2.5-3 वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है
🗣️ नीति आयोग CEO का बयान
10वें नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुब्रह्मण्यम ने कहा:
“जैसा कि मैं बोल रहा हूं, हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम $4 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था हैं, और यह मेरा डेटा नहीं है; यह IMF का डेटा है। India आज जापान से बड़ा है।” The Financial Express
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यदि India वर्तमान विकास योजनाओं और नीतियों पर कायम रहता है, तो अगले 2.5 से 3 वर्षों में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में India की स्थिति
India की यह उपलब्धि केवल आर्थिक आंकड़ों तक सीमित नहीं है; यह वैश्विक मंच पर उसकी बढ़ती हुई भूमिका को भी दर्शाती है। India की मजबूत सेवा क्षेत्र, आईटी, निर्माण और कृषि क्षेत्रों में निरंतर विकास ने इसे वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है।
भविष्य की संभावनाएं
IMF की अप्रैल 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2026 तक $4.187 ट्रिलियन तक पहुंच सकती है, जो जापान के अनुमानित $4.186 ट्रिलियन से अधिक है। इसके अलावा, IMF ने अनुमान लगाया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2025 में 6.2% और 2026 में 6.3% रहेगी, जो वैश्विक औसत से कहीं अधिक है।
विकास के प्रमुख कारक
मेक इन इंडिया पहल: स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन और निर्यात में वृद्धि।
डिजिटल इंडिया: डिजिटल अवसंरचना के विकास से सेवाओं की पहुंच और दक्षता में सुधार।
स्टार्टअप इंडिया: नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करना।
बुनियादी ढांचे में निवेश: सड़क, रेल, और ऊर्जा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश।
विदेशी निवेश में वृद्धि: सरल नीतियों और सुधारों के माध्यम से विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाल ही में दिए गए बयान पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका में बिकने वाले एप्पल आईफोन का निर्माण अमेरिका में ही होगा, न कि भारत में या किसी अन्य स्थान पर, श्री सुब्रह्मण्यम ने कहा, “शुल्क क्या होगा, यह अनिश्चित है। गतिशीलता को देखते हुए, हम विनिर्माण के लिए सस्ती जगह होंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन का दूसरा दौर तैयार किया जा रहा है और इसकी घोषणा अगस्त में की जाएगी।
निष्कर्ष
भारत की यह उपलब्धि न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक मंच पर उसकी बढ़ती हुई भूमिका और प्रभाव को भी दर्शाती है। यदि वर्तमान नीतियों और योजनाओं पर अमल जारी रहता है, तो वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
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