Indian Citizenship कई भारतीय जो काम के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम या कनाडा जैसे विकसित देशों में जाते हैं,
वे अक्सर कुछ समय बाद अपने मेजबान देशों में नागरिकता प्राप्त कर लेते हैं। इस प्रक्रिया में आमतौर पर उन्हें अपनी भारतीय नागरिकता त्यागनी पड़ती है।
एक सामान्य प्रश्न उठता है: क्या ये व्यक्ति चाहें तो भारतीय नागरिकता पुनः प्राप्त कर सकते हैं? आइए कानूनी प्रावधानों और आवश्यकताओं को विस्तार से देखें।
Indian Citizenship अधिनियम को समझना
Indian Citizenship नागरिकता अधिनियम, 1955 द्वारा शासित होती है। अधिनियम के अनुसार, भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है,
जिसका अर्थ है कि जो व्यक्ति किसी दूसरे देश का नागरिक बन जाता है, उसे अपनी भारतीय नागरिकता त्यागनी होगी। हालाँकि, अधिनियम में ऐसे व्यक्तियों के लिए प्रावधान मौजूद हैं
जो इसे त्यागने के बाद भारतीय नागरिकता के लिए फिर से आवेदन करना चाहते हैं।
Indian Citizenship क्यों त्यागते हैं?
हर साल, लाखों भारतीय उच्च शिक्षा, रोजगार और बेहतर जीवन स्तर सहित विभिन्न कारणों से विदेश जाते हैं।
लोकप्रिय गंतव्यों में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और मध्य पूर्व शामिल हैं। इनमें से कई व्यक्ति अंततः स्थायी रूप से बसने और अपने मेजबान देश की नागरिकता प्राप्त करने का निर्णय लेते हैं,
विशेष रूप से मतदान के अधिकार, सार्वजनिक सेवाओं तक पहुँच और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा में आसानी जैसे लाभों के लिए।
परिणामस्वरूप, उन्हें भारत की एकल नागरिकता नीति के अनुसार अपनी Indian Citizenship त्यागनी पड़ती है।
इसके बावजूद, पूर्व भारतीय नागरिकों की एक महत्वपूर्ण संख्या अपनी मातृभूमि के साथ मजबूत भावनात्मक और पारिवारिक संबंध बनाए रखती है, जिसके कारण वे किसी समय भारतीय नागरिकता प्राप्त करने पर विचार करते हैं।
क्या एनआरआई Indian Citizenship पुनः प्राप्त कर सकते हैं?
हाँ, अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) या पूर्व भारतीय नागरिकों के लिए Indian Citizenship पुनः प्राप्त करना संभव है। नागरिकता अधिनियम, 1955, ऐसा करने की प्रक्रिया और मानदंड को रेखांकित करता है। यहाँ बताया गया है कि कैसे:
भारतीय नागरिकता पुनः प्राप्त करने के चरण:
धारा 5(1)(f) के अंतर्गत नागरिकता के लिए आवेदन करें:
पूर्व भारतीय नागरिक नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5(1)(f) के अंतर्गत पंजीकरण द्वारा नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह प्रावधान व्यक्तियों को आवश्यक मानदंड पूरा करने पर अपनी भारतीय नागरिकता पुनः प्राप्त करने की अनुमति देता है।
भारत से संबंध का प्रमाण:
आवेदकों को यह प्रदर्शित करना होगा कि उन्होंने अपनी नागरिकता त्यागने के बाद भी भारत से संबंध बनाए रखा है। इसमें पारिवारिक संबंधों, संपत्ति के स्वामित्व या भारत की बार-बार यात्रा करने का प्रमाण शामिल हो सकता है।
निवास आवश्यकताएँ:
आवेदक को आवेदन जमा करने से पहले एक निश्चित अवधि के लिए भारत में रहना चाहिए। आम तौर पर, इसमें आवेदन की तारीख से ठीक पहले 12 महीने तक लगातार रहना शामिल होता है।
सरकार को आवेदन जमा करें:
नागरिकता के लिए आवेदन निर्धारित प्रपत्रों और चैनलों के माध्यम से गृह मंत्रालय (MHA) को प्रस्तुत किया जाना चाहिए। इस प्रक्रिया में आवेदक की पृष्ठभूमि और नागरिकता पुनः प्राप्त करने के कारणों की विस्तृत जाँच शामिल है।
सरकार से स्वीकृति:
अंतिम निर्णय भारत सरकार के पास है। एक बार आवेदन स्वीकृत हो जाने के बाद, व्यक्ति अपनी Indian Citizenship पुनः प्राप्त कर लेता है।
वैकल्पिक विकल्प: OCI कार्ड
जो व्यक्ति पूर्ण भारतीय नागरिकता पुनः प्राप्त नहीं कर सकते या नहीं करना चाहते, उनके लिए ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड एक बेहतरीन विकल्प है।
हालाँकि यह पूर्ण नागरिकता प्रदान नहीं करता, लेकिन OCI कार्ड कई लाभ प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं:
निवास और कार्य का अधिकार: OCI कार्डधारक वीज़ा की आवश्यकता के बिना अनिश्चित काल तक भारत में रह सकते हैं और काम कर सकते हैं।
संपत्ति स्वामित्व: वे कृषि भूमि को छोड़कर भारत में संपत्ति खरीद और उसका स्वामित्व कर सकते हैं।
यात्रा में आसानी: OCI कार्डधारक भारत में वीज़ा-मुक्त यात्रा और सरलीकृत प्रवेश प्रक्रियाओं का आनंद लेते हैं।
हालाँकि, OCI कार्डधारकों के पास भारत में कुछ सरकारी पदों पर रहने के लिए मतदान का अधिकार या पात्रता नहीं है।
Indian Citizenship पुनः प्राप्त करने के लाभ
जो लोग भारतीय नागरिकता पुनः प्राप्त करना चुनते हैं, उनके लिए लाभों में शामिल हैं:
मतदान अधिकारों की बहाली: नागरिकता पुनः प्राप्त करने से व्यक्ति भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।
अप्रतिबंधित संपत्ति स्वामित्व: पूर्ण नागरिकता कृषि भूमि सहित सभी प्रकार की संपत्ति के स्वामित्व को सक्षम बनाती है।
सरकारी सेवाओं तक पहुँच: भारतीय नागरिकों के पास विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं और कार्यक्रमों तक पहुँच है जो OCI कार्डधारकों के लिए उपलब्ध नहीं हो सकती हैं।
नागरिकता पुनः प्राप्त करने में चुनौतियाँ
हालाँकि भारतीय नागरिकता पुनः प्राप्त करने की प्रक्रिया सिद्धांत रूप में सरल है, लेकिन इसमें चुनौतियाँ भी हैं:
कड़ी आवश्यकताएँ: कुछ व्यक्तियों के लिए निवास और कनेक्शन की आवश्यकताओं को पूरा करना मुश्किल हो सकता है, खासकर यदि वे लंबे समय से भारत से दूर रहे हों।
समय लेने वाली प्रक्रिया: आवेदन और अनुमोदन प्रक्रिया लंबी हो सकती है, जिसमें कई स्तरों की जाँच और दस्तावेज़ीकरण शामिल है।
विदेशी नागरिकता का नुकसान: कुछ देश दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देते हैं। इसलिए, जो व्यक्ति दोबारा भारतीय नागरिकता प्राप्त करते हैं, उन्हें अपनी विदेशी नागरिकता छोड़नी पड़ सकती है, जिससे उनके मेज़बान देश में उनकी स्थिति प्रभावित हो सकती है।
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