Nuclear Power तकनीकी क्षेत्र में उभरते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे नवाचारों ने Power की मांग को अभूतपूर्व स्तर तक पहुँचा दिया है।
डेटा सेंटर, जो इन तकनीकों को संचालित करते हैं, अब इतने विशाल हो चुके हैं कि वे छोटे शहरों से भी अधिक बिजली की खपत कर सकते हैं।
अमेरिकी Power विभाग के अनुसार, 2050 तक वैश्विक बिजली की खपत में 75% तक की वृद्धि हो सकती है, जिसमें तकनीकी उद्योग का योगदान एक महत्वपूर्ण कारक होगा।
इस बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए, कई प्रमुख तकनीकी कंपनियाँ अब परमाणु ऊर्जा की ओर रुख कर रही हैं।
Power संकट और स्थिरता की चुनौती
AI और क्लाउड कंप्यूटिंग की Power जरूरतें तेजी से बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एक एकल डेटा सेंटर, जैसे कि शिकागो जैसे बड़े शहर की कुल ऊर्जा खपत के बराबर बिजली की मांग कर सकता है।
रेडिएंट एनर्जी ग्रुप के प्रबंध निदेशक मार्क नेल्सन कहते हैं, “डेटा सेंटर की जरूरतें इतनी बड़ी हो चुकी हैं कि अब उन्हें अपनी Power आपूर्ति के स्रोतों को अधिक सतत और स्थिर बनाना होगा।
” उनका यह भी कहना है कि डेटा सेंटर को 24/7 बिजली चाहिए, जो कि अन्य पारंपरिक और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत हमेशा प्रदान नहीं कर सकते।
परमाणु Power की ओर बदलाव
परमाणु Power, जिसे कभी सुरक्षा और मेल्टडाउन जैसे खतरों के कारण अनदेखा किया गया था, अब तकनीकी कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बन रही है।
पिछले कुछ वर्षों में अक्षय ऊर्जा जैसे सौर और पवन ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने के बाद, अब तकनीकी दिग्गज परमाणु ऊर्जा को बड़े पैमाने पर ऊर्जा प्रदान करने के अधिक कुशल और स्थायी स्रोत के रूप में देख रहे हैं।
परमाणु Power प्रमुख कंपनियों का निवेश
Microsoft, Google, Amazon, और Meta जैसी कंपनियाँ अब परमाणु Power परियोजनाओं में निवेश कर रही हैं। इन कंपनियों की घोषणाएँ इस बात का संकेत देती हैं कि उद्योग व्यापक स्तर पर ऊर्जा बदलाव की ओर अग्रसर है।
गूगल में Power और जलवायु के वरिष्ठ निदेशक माइकल टेरेल कहते हैं, “परमाणु ऊर्जा के बहुत सारे लाभ हैं। यह बिजली का एक कार्बन-मुक्त स्रोत है जो हमेशा चालू रह सकता है और हर समय ऊर्जा प्रदान कर सकता है। साथ ही, यह आर्थिक रूप से भी फायदेमंद है।”
परमाणु पुनरुद्धार का दौर
परमाणु Power का अतीत विवादास्पद रहा है। मेल्टडाउन और रेडिएशन लीक जैसी घटनाओं ने इसे लंबे समय तक एक खतरनाक ऊर्जा स्रोत के रूप में चित्रित किया। हालाँकि, हाल के वर्षों में उन्नत प्रौद्योगिकी और सुरक्षा उपायों के कारण, परमाणु Power को अब अधिक सुरक्षित और स्थिर माना जा रहा है।
विशेषज्ञ इस बदलाव को “परमाणु पुनरुद्धार” के रूप में देख रहे हैं। अमेरिका और दुनिया भर में ऊर्जा बदलाव को गति देने में परमाणु ऊर्जा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
Power स्थिरता और दीर्घकालिक समाधान
परमाणु ऊर्जा का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह 24/7 बिजली प्रदान कर सकती है, जो कि डेटा सेंटर और AI मॉडल के लिए अनिवार्य है। सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोत अपनी निर्भरता के कारण हमेशा पर्याप्त बिजली प्रदान नहीं कर सकते। इसके विपरीत, परमाणु ऊर्जा एक स्थिर और विश्वसनीय स्रोत है।
तकनीकी और आर्थिक लाभ
परमाणु ऊर्जा में निवेश करने वाली कंपनियाँ न केवल अपनी Power जरूरतों को पूरा कर रही हैं, बल्कि वे आर्थिक रूप से भी लाभ कमा रही हैं।
परमाणु संयंत्रों का निर्माण और संचालन स्थानीय अर्थव्यवस्था में रोजगार के अवसर पैदा करता है। इसके अलावा, परमाणु ऊर्जा का उपयोग कार्बन उत्सर्जन को भी कम करता है, जिससे यह पर्यावरणीय स्थिरता के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करता है।
निष्कर्ष
जैसे-जैसे AI और क्लाउड कंप्यूटिंग की Power मांगें बढ़ रही हैं, तकनीकी उद्योग को स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा के नए समाधानों की तलाश करनी होगी।
परमाणु ऊर्जा इस चुनौती का एक प्रभावी समाधान प्रदान कर सकती है। Microsoft, Google, Amazon, और Meta जैसी कंपनियों का परमाणु ऊर्जा में निवेश इस दिशा में एक साहसिक कदम है।
यह न केवल उनकी Power जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक विकास में भी योगदान देगा। परमाणु ऊर्जा, जो कभी विवादास्पद थी, अब वैश्विक ऊर्जा संकट का एक स्थायी और प्रभावी समाधान बन सकती है।
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