Supreme Court ने पिछली सरकार के दो बच्चों के नियम पर मुहर लगाते हुए कहा है कि दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरी देने से इनकार करना गलत और भेदभावपूर्ण नहीं है।
Supreme Court ने पिछली सरकार के दो बच्चों के नियम पर अपनी मंजूरी की मुहर लगाते हुए कहा है कि दो से ज्यादा बच्चे होने पर राजस्थान में सरकारी नौकरी देने से इनकार करना गलत नहीं है। इस मुहर के बाद राजस्थान में पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के साथ-साथ अब सरकारी नौकरी के लिए भी ‘दो बच्चों’ की नीति अनिवार्य कर दी गई है।
Supreme Court का आया नया आदेश
Supreme Court ने पंचायत चुनावों के लिए ऐसे ही नियमों को मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि ये नियम सरकार की नीति बनाने के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और इसमें न्यायपालिका को दखल देने की आवश्यकता नहीं है। पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट की याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह नियम संविधान की मूल भावना के अनुसार सही है।
क्या आया नया आदेश
तीन जजों की बेंच ने यह भी कहा कि ऐसा ही प्रावधान पंचायत चुनावों में पात्रता की शर्त के रूप में भी है। शीर्ष अदालत ने इसे भी मंजूर किया था। तब भी कोर्ट ने माना था कि दो से अधिक जीवित बच्चों के होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने का नियम कहीं से गलत नहीं है और साथ ही यह हमारे दायरे से भी बाहर है। अदालत के मुताबिक इस प्रावधान का मकसद परिवार नियोजन और छोटे परिवार की भावना को बढ़ावा देना है। इसलिए बेंच ने अपने 20 फरवरी के आदेश में पिछले आदेश की पुष्टि की।
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