अमेरिका में TikTok पर प्रतिबंध लगाने वाले विवादित कानून पर सुप्रीम कोर्ट 10 जनवरी को सुनवाई करेगा। यह कानून 19 जनवरी को लागू होना तय है। इस संदर्भ में राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि कानून के कार्यान्वयन को रोका जाए।
सुप्रीम कोर्ट 10 जनवरी को मामले में दलीलें सुनने वाला है। यह कानून वर्तमान में 19 जनवरी को लागू होने वाला है, जो राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण से एक दिन पहले है।
राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से उस कानून के कार्यान्वयन को रोकने के लिए कहा, जो 19 जनवरी से अमेरिका में TikTok पर प्रतिबंध लगाएगा, अगर ऐप को इसकी चीनी मूल कंपनी द्वारा नहीं बेचा जाता है।

TikTok पर प्रतिबंध का कारण
अमेरिकियों को विदेशी विरोधी नियंत्रित अनुप्रयोगों से बचाने के लिए बनाए गए इस कानून के अनुसार, TikTok की चीनी मूल कंपनी ByteDance को अपने प्लेटफ़ॉर्म को किसी अमेरिकी कंपनी को बेचना होगा, अन्यथा ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इस कानून को राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के तहत लागू किया गया है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि TikTok के माध्यम से चीनी सरकार अमेरिकी उपयोगकर्ताओं के डेटा तक पहुँच सकती है या ऐप पर सामग्री में हेरफेर कर सकती है।
ट्रम्प का सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध
राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि कानून की 19 जनवरी, 2025 की समय सीमा को स्थगित किया जाए। ट्रम्प का मानना है कि उनके प्रशासन को इस मामले में राजनीतिक समाधान खोजने का अवसर दिया जाना चाहिए।
ट्रम्प के वकील डी. जॉन सॉयर ने अदालत को बताया कि “राष्ट्रपति ट्रम्प इस विवाद के गुणों पर कोई स्थिति नहीं लेते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि ट्रम्प की डीलमेकिंग विशेषज्ञता और राजनीतिक इच्छाशक्ति इस मुद्दे का समाधान निकालने में सहायक हो सकती है।
TikTok पर ट्रम्प का बदला हुआ रुख
ट्रम्प ने पहले 2020 में TikTok पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी, लेकिन अदालतों ने इसे रोक दिया था। हाल ही में ट्रम्प ने TikTok के CEO शू ज़ी च्यू से मुलाकात की और कहा कि उनके पास इस ऐप के लिए “गर्म स्थान” है। यह बयान उनके पिछले विरोध से उलट है।
राष्ट्रीय सुरक्षा बनाम मुक्त भाषण
TikTok ने इस कानून का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि ऐप पर प्रतिबंध लगाना अमेरिकी संविधान के प्रथम संशोधन के तहत संरक्षित मुक्त भाषण अधिकारों का उल्लंघन होगा। वहीं, न्याय विभाग ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए कानून का बचाव किया है।
पुर्तगाल और TikTok की समानता
यह मामला अमेरिका में डेटा सुरक्षा और चीनी तकनीक पर लंबे समय से चली आ रही बहस को और अधिक जटिल बनाता है। इससे पहले भी दुनिया के कई देशों में TikTok को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर क्या फैसला सुनाती है।
ByteDance का भविष्य
यदि कानून लागू होता है, तो ByteDance को अपने सबसे बड़े बाजारों में से एक, अमेरिका में TikTok को संचालित करने का अधिकार खोना पड़ सकता है। इससे न केवल कंपनी की साख पर असर पड़ेगा, बल्कि यह चीनी तकनीकी कंपनियों के लिए एक चेतावनी भी होगी।
कानून के अनुसार TikTok के चीनी मालिक, ByteDance को प्लेटफ़ॉर्म को किसी अमेरिकी कंपनी को बेचना होगा या प्रतिबंध का सामना करना होगा।
इस महीने की शुरुआत में, न्यायालय ने मामले की सुनवाई करने का फैसला किया और ब्रीफिंग और मौखिक तर्कों के लिए शेड्यूल को आगे बढ़ाया।
निष्कर्ष
यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और मुक्त भाषण के बीच संतुलन खोजने का एक प्रयास है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला न केवल TikTok के भविष्य को निर्धारित करेगा, बल्कि यह भी तय करेगा कि तकनीकी कंपनियों और सरकार के बीच डेटा सुरक्षा और गोपनीयता जैसे मुद्दों पर कैसे समझौता किया जाएगा।
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