Christmas Tree : सजाने का चलन कब और कैसे शुरू हुआ? जानिए इसका महत्व
Christmas Tree: का त्योहार आते ही हर जगह रौनक छा जाती है। यह त्योहार न केवल ईसाई समुदाय बल्कि पूरी दुनिया के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दौरान सबसे अधिक चर्चा का विषय होता है क्रिसमस ट्री। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि Christmas Tree को सजाने का चलन कब और कैसे शुरू हुआ? और इसका क्या महत्व है? इस ब्लॉग में हम आपको Christmas Tree के इतिहास, परंपराओं और इसके महत्व के बारे में बताएंगे।
Christmas Tree सजाने का इतिहास
क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा की शुरुआत ईसाई धर्म से नहीं, बल्कि प्राचीन सभ्यताओं से हुई थी। इसका संबंध प्राकृतिक पूजा और बुराई को दूर भगाने की मान्यता से था।
1. प्राचीन काल में Christmas Tree का महत्व
- मिस्र और रोम की सभ्यता: प्राचीन मिस्र और रोम में हरे पेड़ों को जीवन और पुनर्जन्म का प्रतीक माना जाता था। सर्दियों के दौरान हरे पेड़ों का इस्तेमाल घरों में सजावट के लिए किया जाता था।
- ड्रुइड्स और नॉर्स सभ्यता: यूरोप की प्राचीन ड्रुइड्स और नॉर्स सभ्यताओं में भी सदाबहार पेड़ों को देवताओं का प्रतीक मानकर उनकी पूजा की जाती थी।
2. ईसाई धर्म में Christmas Tree का प्रवेश
क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा 16वीं शताब्दी में जर्मनी में शुरू हुई। माना जाता है कि मार्टिन लूथर, जो कि एक ईसाई धर्म सुधारक थे, ने पहली बार Christmas Tree को मोमबत्तियों से सजाया। उन्होंने रात में आसमान के तारों से प्रेरणा ली और पेड़ पर रोशनी सजाने का विचार किया।
3. अमेरिका और दुनिया में लोकप्रियता
18वीं और 19वीं शताब्दी में यूरोपीय प्रवासियों ने इस परंपरा को अमेरिका में लोकप्रिय बनाया। विशेष रूप से इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया और उनके जर्मन पति प्रिंस अल्बर्ट ने क्रिसमस ट्री को शाही महल में सजाकर इसे एक वैश्विक परंपरा बना दिया।
Christmas Tree का महत्व
क्रिसमस ट्री केवल सजावट का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है।
1. जीवन और आशा का प्रतीक
Christmas Tree हरे रंग का होता है, जो सर्दियों में भी अपनी हरियाली बनाए रखता है। यह जीवन, आशा, और सकारात्मकता का प्रतीक है।
2.ईसा मसीह से जुड़ी मान्यता
ईसाई धर्म में क्रिसमस ट्री को ईसा मसीह के जन्म और उनके द्वारा लाई गई शांति और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। पेड़ की त्रिकोणीय आकृति त्रिमूर्ति (फादर, सन, और होली स्पिरिट) का प्रतीक मानी जाती है।
3. परिवार और एकता का प्रतीक
Christmas Tree को सजाना एक पारिवारिक परंपरा है। इसे सजाते समय पूरा परिवार साथ होता है, जो आपसी प्रेम और एकता को बढ़ाता है।
Christmas Tree सजाने के चलन की परंपराएं
1. पेड़ का चयन
Christmas Tree के लिए आमतौर पर सदाबहार पेड़ों का चयन किया जाता है, जैसे कि फ़र, स्प्रूस, या पाइन। कई लोग अब कृत्रिम पेड़ों का भी उपयोग करने लगे हैं।
2. सजावट
Christmas Tree को सजाने के लिए कई तरह की सजावटी वस्तुएं उपयोग में लाई जाती हैं:
- रोशनी (लाइट्स): पहले मोमबत्तियों का उपयोग किया जाता था, लेकिन अब इलेक्ट्रिक लाइट्स से इसे सजाया जाता है।
- गुब्बारे और रंग-बिरंगे बॉल्स: ट्री को रंगीन बनाने के लिए बॉल्स और अन्य सजावटी वस्तुएं लगाई जाती हैं।
- स्टार और एंजेल: ट्री के शीर्ष पर स्टार या एंजेल लगाया जाता है, जो ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक है।
3. उपहार रखना
क्रिसमस ट्री के नीचे उपहार रखे जाते हैं, जो सांता क्लॉज़ की परंपरा से जुड़े होते हैं। यह बच्चों और बड़ों दोनों के लिए उत्साह का कारण बनता है।
Christmas Tree: आधुनिक समय में का महत्व
आज के समय में क्रिसमस ट्री केवल धार्मिक त्योहार तक सीमित नहीं है। यह एक सांस्कृतिक प्रतीक बन गया है, जो लोगों को एकजुट करता है।
- पर्यावरण-अनुकूल उपाय: अब लोग कृत्रिम या पुन: उपयोग किए जाने वाले ट्री का चयन कर रहे हैं।
- सामाजिक जुड़ाव: मॉल, स्कूल, और सार्वजनिक स्थानों पर बड़े Christmas Tree सजाकर सामुदायिक भावना को प्रोत्साहित किया जाता है।
Christmas Tree सजाने के टिप्स
अगर आप अपने Christmas Tree को खास और आकर्षक बनाना चाहते हैं, तो इन टिप्स को आजमाएं:
- थीम चुनें: एक रंग या थीम के आधार पर सजावट करें।
- रोशनी का सही उपयोग करें: लाइट्स को पेड़ पर सही तरीके से फैलाएं।
- हाथ से बनी सजावट का उपयोग करें: बच्चों के साथ मिलकर सजावट के आइटम बनाएं।
- ट्री टॉपर का चयन करें: एक आकर्षक स्टार या एंजेल का उपयोग करें।
अंतिम विचार
Christmas Tree न केवल सजावट का हिस्सा है, बल्कि यह त्योहार की भावना, प्रेम और एकता का प्रतीक है। इसके इतिहास और महत्व को समझकर, हम इस परंपरा को और अधिक उत्साह और श्रद्धा के साथ मना सकते हैं।
तो इस क्रिसमस पर अपने परिवार के साथ मिलकर Christmas Tree सजाएं और इस त्योहार को यादगार बनाएं।
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