नीट और यूजीसी नेट का पेपर अभी हाल ही में लीक हुआ है। जिसको देखकर नया Law बनाया गया है। यह कानून इसीलिए बनाया गया है कि जो भी दोषी पेपर लीक में पाए जाते है उनको सजा दिया जा सके।

सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए एक नया और सख्त Law लागू किया है। एंटी-पेपर लीक कानून यानी पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 लागू हो गया है। इस कानून के तहत पेपर लीक करने पर 10 साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
नए Law में 10 साल की सजा, 1 करोड़ का जुर्माना
आपको बता दें कि फरवरी 2024 में संसद से यह कानून पारित हो गया था, जो 21 जून 2024 से लागू हो गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 फरवरी को बिल को मंजूरी देकर इसे कानून में बदल दिया। इस कानून के तहत सार्वजनिक परीक्षाओं में धोखाधड़ी (नकल) पर लगाम लगाने के लिए न्यूनतम 3 से 5 साल की कैद की सजा होगी। वहीं, पेपर लीक गिरोह में शामिल लोगों को 5 से 10 साल की कैद का प्रावधान है। इसके अलावा न्यूनतम 1 करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
Law में संपत्ति कुर्क करने का भी प्रावधान
इस कानून के तहत पेपर लीक गिरोह में शामिल लोगों पर जुर्माना 1 करोड़ रुपए से कम नहीं होगा। अगर संस्थान के संगठित पेपर लीक अपराध में शामिल पाए जाने पर उसकी संपत्ति कुर्क करने और जब्त करने का भी प्रावधान भी है। इतना ही नहीं परीक्षा की लागत भी उस संस्थान से वसूली जाएगी।

परीक्षा सेंटर 4 साल के लिए होगा सस्पेंड
अगर किसी परीक्षा केंद्र की गड़बड़ी में भूमिका पाई जाती है तो उस सेंटर को 4 साल के लिए सस्पेंड किया जाएगा। उस सेंटर को 4 साल तक के लिए कोई भी सरकारी परीक्षा कराने का अधिकार नहीं होगा।
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