दिलजीत दोसांझ ने मेट गाला डेब्यू के लिए पहनना चाहा पटियाला का 2.5 बिलियन डॉलर का हार, लेकिन क्यों हुआ इनकार? जानिए पूरी कहानी
भारतीय म्यूजिक और फिल्म इंडस्ट्री का चमकता सितारा दिलजीत दोसांझ एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है उनका Met Gala 2025 में डेब्यू और उससे जुड़ा एक शानदार लेकिन रहस्यमय किस्सा। दिलजीत ने इस ऐतिहासिक मौके पर कुछ ऐसा पहनना चाहा जो न केवल भारत की शान है, बल्कि दुनिया के सबसे कीमती गहनों में से एक माना जाता है — पटियाला का महाराज भूपिंदर सिंह द्वारा पहना गया मशहूर पटियाला नेकलेस, जिसकी अनुमानित कीमत आज 2.5 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा है।
लेकिन यह सपना अधूरा रह गया। आखिर ऐसा क्या हुआ कि दिलजीत जैसे फैशन आइकन को यह ऐतिहासिक पटियाला हार पहनने से इनकार कर दिया गया? आइए इस पूरी कहानी को विस्तार से जानते हैं।

पटियाला नेकलेस क्या है?
पटियाला नेकलेस एक ऐतिहासिक हीरा जड़ित हार है, जिसे 1928 में पटियाला के महाराज भूपिंदर सिंह के लिए Cartier (कार्टियर) ने डिज़ाइन किया था। इसमें:
पटियाला हार में 2930 हीरे जड़े थे
और इसका प्रमुख आकर्षण था — De Beers का 234 कैरेट का पीला हीरा, जो उस समय दुनिया का सातवां सबसे बड़ा हीरा था।
यह हार ना केवल रॉयल शान की पहचान था, बल्कि भारत के रत्नों और कलाकारी का प्रतीक भी रहा है।
दिलजीत का मेट गाला डेब्यू और स्टाइल प्लान
मेट गाला, फैशन जगत का ऑस्कर कहलाता है, और जब दिलजीत जैसे कलाकार को वहां डेब्यू करने का मौका मिला, तो वह कुछ ऐसा पहनना चाहते थे जो भारत की संस्कृति, विरासत और रॉयल्टी को दर्शाए।
उनका प्लान:
अपने लुक को पारंपरिक और शाही दिखाना
मेट गाला 2025 के थीम “The Crowned Cultures” को ध्यान में रखते हुए भारत के सबसे शाही गहने — पटियाला नेकलेस — को पहनने की इच्छा जताई
लेकिन इसके लिए मंजूरी नहीं मिल सकी।
पटियाला हार पहनने की अनुमति क्यों नहीं मिली?
इस बहुचर्चित हार को पहनने की मंजूरी Cartier से मिलनी थी, क्योंकि अब यह गहना उन्हीं के संग्रह में सुरक्षित है।
इनकार की वजहें:
अत्यधिक मूल्य (2.5 बिलियन डॉलर):
इतना महंगा गहना सार्वजनिक कार्यक्रम में पहनाना बीमा और सुरक्षा जोखिम का विषय बनता है।इतिहास और विरासत से जुड़ा सम्मान:
पटियाला हार को एक ऐतिहासिक विरासत माना जाता है। इसे केवल विशेष संग्रहणीय प्रदर्शनों के लिए ही निकाला जाता है।डुप्लिकेट वर्जन नहीं बना:
आमतौर पर कुछ सेलेब्रिटीज़ डुप्लिकेट या प्रेरित डिज़ाइन पहनते हैं, लेकिन दिलजीत का सपना था “ओरिजिनल हार ही पहनने का”, जिसे Cartier ने मना कर दिया।
सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय
दिलजीत के इस स्टाइल आइडिया ने मेट गाला से पहले ही सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। फैशन और बॉलीवुड जगत के लोग इस बात की तारीफ कर रहे थे कि एक भारतीय कलाकार ने भारत की रॉयल परंपरा को इतनी शानदार तरह से रिप्रेज़ेंट करने की कोशिश की।
#DiljitAtMetGala और #PatialaNecklace जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
पटियाला हार भारत की शाही विरासत का प्रतीक
पटियाला हार सिर्फ एक गहना नहीं, बल्कि भारत की राजशाही और रॉयल आभूषण कला का एक ऐसा प्रतीक है जिसे दुनियाभर के संग्रहकर्ता सराहते हैं।
दिलजीत की इस कोशिश ने साबित किया कि भारत की विरासत को फैशन के सबसे बड़े मंच पर लाने का सपना अब हकीकत से दूर नहीं।
क्या भविष्य में ये संभव हो सकेगा?
अगर सुरक्षा, बीमा और शर्तों को ध्यान में रखते हुए Cartier या भारतीय संग्रहालय कोई सहयोग करें, तो भविष्य में:
इस हार का रिप्लिका (नकल) वर्जन बनाया जा सकता है
या विशेष इवेंट के लिए हार को अस्थायी तौर पर दिया जा सकता है
इससे भारतीय फैशन और संस्कृति को वैश्विक मंच पर नई पहचान मिलेगी।
निष्कर्ष
दिलजीत दोसांझ ने Met Gala के मंच पर केवल एक सेलिब्रिटी के तौर पर नहीं, बल्कि भारत के सांस्कृतिक राजदूत की तरह हिस्सा लेने की कोशिश की। उनका पटियाला हार पहनने का प्रयास एक असंभव से दिखने वाले सपने को हकीकत में बदलने की दिशा में उठाया गया एक साहसी कदम था।
हालांकि उन्हें यह हार पहनने की अनुमति नहीं मिली, लेकिन इस कोशिश ने भारतीय संस्कृति और रॉयल परंपरा को एक बार फिर दुनिया के सामने रख दिया।
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